प्रस्तुत है "मजदूर दिवस" पर जिसे छत्तीसगढ़ सरकार "बोरे बासी दिवस" के रूप में मना रही है पर एक छोटी सी रचना......
# बोरे बासी दिवस / मजद read more >>
जज्बे को सलाम ...
काम कोई छोटा नहीं ,
काम कोई बड़ा नहीं...
है कोई रास्ता ऐसा जो ,
मुश्किलों से भरा नहीं...
जज्बा छोटा या बड़ा हो ,
बंधनों से read more >>
# जंगली फर ....
लो आया मैं लेकर ,
साथी तेरे लिए ,
थोड़ा थोड़ा सा ,
जंगल का प्यार ...!
गदराई , रसभरी
अपनी जवानी ,
लुटाने आई ये ,
गुच्छे गुच्छेदार read more >>
# हे राम ... ...
शाम से हुई सुबह
सुबह से हो गई शाम ...!
हर जुबां पर जनता की
बस बात यही है मान ...!
राज्य सरकार बिजली के ,
केंद्र बढ़ाएं पेट्रोल के read more >>
# स्त्रियां ...
एक स्त्री ,
दूसरी स्त्री से ,
करती है बातें घंटों
घर में बने सब्जियों की
कुछ इस तरह ,
आज क्या बनाई है
या फिर ,
आज क्या बनाएं read more >>
कविता और कवि ...
ये तो है ,
बिखरती चांदनी ,
गुनगुनाती रागनी ,
महकती बहती हवा ...!
किसी ने दर्द ,
किसी ने मरहम
किसी ने खुशी ,
किसी ने गम कहा ...!
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// सुप्रभात ...
सुबह हो गई ,
चल बेटा उठ ...!
उठ बेटा उठ ,
बहुत गया सुत ...!
जो सोया ,
वो खोया ...!
जो जागा ,
वो पाया ...!
समझ में तेरे ,
तुझे...आया कुछ ...!
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