एक हास्य कविता ........
एक दिन दफ्तर से घर आते हुए पुरानी गर्ल फ्रेंड से भेट हो गयी ;
और जो बीवी से मिलने की जल्दी थी वह ज़रा सी लेट हो गयी;
ज read more >>
जीना इसी का नाम है.........😃😃
मेघा एक सरकारी दफ्तर में टाइपिस्ट थी । उसके हाथों की उंगलियां जब कंप्यूटर के "की बोर्ड" पर नर्तन करत read more >>
आँखों का है खेल निराला |
सुन लो भैया सुन लो लाला ||
आँखों का काजल लुट जाये |
तुमको पता नहीं चल पाये ||
चोट लगे तो आँखे रोतीं |
नींद आये तो आँख read more >>
बड़ा ही महत्व है है
ताला में चाबी का ,भय्या में भाभी का,
मामा में मामी का, तो टिवी में बिवी का,
बड़ा ही महत्व है,,,,,
देखने में चित्रारंजन read more >>