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जूझ रहे जो गम से अपने वो तेरी शरण में आते है मधुशाला कष्ट मिटा देती हो तुम जिनका उनके उर बस्ती हो तुम मधुशाला । read more >>
वे डूबे है तुझमें , तुम हो उनकी प्रिय हाला तेरे लिए बिछुडगें अपनो से , पर तुझसें न बिछुड़गें मधुशाला । read more >>
उनके कुछ प्रियजनों के संग रहकर बर्बाद हुए हम उनके मध्य रहकर निपुण हुए उनकी कलाओं में दीवाने हुए हम तेरे , तेरे यहाँ आकर read more >>
मिले अधिक न वे सखी , जिनको मिलने जाय । मिले सखी के वे सखी , वे सखि देखत छिप जाय । read more >>
मन अकेला है , या कुछ और बात है कुछ तुम कुछ हम , दोनों उदास है । खाली बैठे थे हम इसलिए की सूँकून मिलेगा , मगर हम सोच सोचकर उदास है read more >>
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