Pradeep singh " gwalya " 20 Jan 2024 कविताएँ समाजिक Psdrishti.blogspot.com 5611 0 Hindi :: हिंदी
दोस्ती ! जीवन भर चलने वाली एक प्रक्रिया हर मोड़ पर मिलते हैं पर गुम हो जाते हैं धीरे–धीरे जैसे उजाला दूर जाता अंधेरा होता है वैसे दुख होता है कुछ क्षण मन झुंझला उठता है प्रश्न पूछता है,आखिर क्यूं? क्या ये सिर्फ मेरे साथ होता है? क्या मैं अच्छा नहीं? या मुझमें उनकी बराबरी की क्षमता नहीं? फिर अगल बगल झांकता हूं देखता हूं,अनुभव करता हूं जीवन के कुछ पड़ाव तक महसूस करता हूं शायद मन को शांति भी मिली है जानकर कि इस दोस्ती के कांच के घेरे में मैं अकेला नहीं जो क्षणिक भर में टूट जाता है।। ✍️ प्रदीप सिंह ‘ग्वल्या’ दोस्ती जीवन भर चलने वाली एक प्रक्रिया है हर कोई दोस्ती करता है ,दोस्त बनाता है या इसका अनुभव करता है यकीन मानिए ये एक बहुत अच्छा अनुभव है । दोस्त अनेक प्रकार के होते हैं 99% दोस्त हमेशा छणिक भर के होते हैं पर 1%दोस्त जो हमेशा आपके सुख दुख में आपका साथ देते हैं । दोस्तों की वैल्यू समझनी चाहिए उन्हें संभाल के रखना चाहिए ये एक अद्भुत रिश्ता होता है वो रिश्ता जो हर वक्त काम आता है कुछ भी हो हर समय आपको सपोर्ट करता है ।तो अगर आपके पास ऐसे दोस्त हैं या है तो उसे संभाल के रखिएगा ।ये हमेशा नहीं मिलते,राह चलते नहीं मिलते इन्हें कमाना पड़ता है इनसे कभी भी नाराज न हों ना ही छोटी छोटी बातों में दोस्ती तोड़ें । अपने पढ़ाई के दौरान के दोस्त,कॉलेज के दोस्त ,काम या ऑफिस के दोस्त ,घुमक्कड़ दोस्त ,शराबी दोस्त,मनमौजी दोस्त, अकडू दोस्त,रंगीला दोस्त ,मर मिटने वाला दोस्त,बॉडी वाला दोस्त ,जान छिड़कने वाला दोस्त,पार्टी वाला दोस्त इनमें से कोई भी हो मजा तो इन्हीं के साथ आता है ।जिंदगी का असली चेहरा होता है दोस्त ,राह दिखाने वाला होता है दोस्त ।अब इससे ज्यादा मैं क्या ही डिफाइन करूं दोस्ती को ।
pradeep singh "ग्वल्या" from sural gaon pauri garhwal uttarakhand . education:- doub...