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मां

Mustakeem 30 Mar 2023 कहानियाँ बाल-साहित्य यह कहानी एक मां के ना होने के कारण बच्चे पर जो असर पड़ता है उस पर आधारित है 107170 0 Hindi :: हिंदी

हेलो दोस्तों मैं मुस्तकीम रहीस अहमद मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं यह मेरी स्टोरी एक ऐसे परिवार को दर्शाती है जिस परिवार में मां नहीं है उस परिवार के बच्चों का क्या हाल है और उस परिवार में और बाप की भी नहीं चलती तो यह सब जाने के लिए विस्तार पूर्वक इस कहानी को पढ़ें तू शुरू करते हैं या कहानी एक गांव की है गांव में तो शादी करने के बाद या सोचा नहीं जाता कि बच्चे एक करने हैं दो करने या 10 करने हैं जितने हो जाते हैं उनको ऊपर वाले की रहमत और बरकत नहीं हम समझ कर रख लेते हैं इसी तरह इस परिवार में भी होता है इस परिवार  में पांच बेटे होते हैं  और एक बेटी होती है या परिवार भी आम परिवारों की तरह खुशी का जीवन व्यतीत कर रहा होता है 3 बच्चे छोटे होते हैं और 3 बच्चे जवान दो की शादी कर देते हैं और दूसरे के लिए लड़की का रिश्ता देखना शुरु कर देते लेकिन शादी और रिश्ता पक्का नहीं हो पाता हो उनकी मां का देहांत हो जाता है अब इस परिवार में दुख होने कदम रख दिया मां के गुजरते ही बड़े भाइयों ने अपनी बीवियों के साथ अपने घर अलग कर लिए अब उस घर में तीन भाई एक बहन और बाप  बसते हैं दो बेटे छोटे होते हैं और बेटी भी छोटी ही होती है बस एक बेटा बड़ा होता है जो अपने बाप का सहारा बनता है लेकिन वह  सहारा तो बनता है सहारे से ज्यादा टेंशन बनता है क्योंकि वह हर काम अपनी मर्जी के मुताबिक करता वह या नहीं सोचा कि वह जो कर रहा है सही है या नहीं इसी तरह जो करता रहा उसके बाप ने भी कुछ नहीं कहा वह अपनी मर्जी से जो करता क्या करता क्या जब आपने कभी कुछ ना कहा कि कि वह आपको कुछ समझता ही नहीं था वह जो कर रहा है वह सही है और उससे जो कहा जा रहा है वह गलत है इसलिए बाप ने भी उससे कहना छोड़ दिया अपने बड़े भाइयों की तरह शादी करके अलग बसना चाहता था लेकिन उनके पास ना पैसे थे जिससे उनकी शादी करा सके तो वह अपने छोटे भाई को लेकर शहर आ जाता है उसको एक दुकान पर काम करने के लिए रख देता है महीने के ₹6000 पर खाना कितना छोटा बच्चा करेगा क्या दुकानदार भी यह सोच कर रख लेता है कुछ ना कुछ तो कर ही लेगा इसलिए रख लेता क्योंकि वह उसके बड़े भाई को जानता है इसलिए उसने सोचा था उसको रख लेते हैं इसके भाई की भी थोड़ी मदद हो जाएगी उसको वहां रखने के बाद अपना कहीं दूसरी जगह काम करता था वहां चला जाता है इसी तरह वह बच्चा वहां रहने लगता है धीरे-धीरे करके महीने गुजरे छे महीने साल कब साल गुजर गया उसको पता ही नहीं चला फिर वह अपने गांव आता है वह फिर 1 महीने रुकता है वापस फिर उसको शहर भेज दिया जाता है लेकिन उसके बाप को उसके कमाए हुए पैसों में से कुछ भी नहीं मिलता क्योंकि उसका भाई सब इधर-उधर अय्याशी में ‌लगा देता है‌ वाया नहीं सोचता कि वह अपने छोटे भाई का भविष्य खराब कर रहा है उसको बस अपने भविष्य से मतलब भी उसमें चार पल की खुशी बा करके वापस हो जाता था छोटा बच्चा भी पहले के जैसा मासूम नहीं रहा अब उसके अंदर भी खुराफाती हरकतें आ गई थी क्योंकि उसकी दुकान के बाहर लोग कार में आते और कार में लड़की और लड़के जो भी सब करते वह साइड से बैठकर देखता रहता है धीरे-धीरे करके उसकी आदत पड़ गई बाहर बैठा रहता है और इंतजार करता कब कोई गाड़ी लग गया करके और उसके अंदर वह सब उल्टी सीधी हरकते जो करते हैं लोग वह देखता रहता‌ उसको इतनी समझ नहीं थी कि वह यह जो सब देख रहा है यह सब गलत है लेकिन समझाने वाला कोई नहीं तो उसके कुछ समझ में नहीं आता वह इसी तरह दिल्ली का उसका काम हो गया था कोई भी गाड़ी लगती है उसमें देखता रहता पता नहीं क्या सोचता रहता और यह देखकर बड़ा खुश होता है फिर उसके पूरे दिन वही बातें अब उसके अंदर यही जो सब देखता था उसी की बातें आने लगी थी वह जहां भी बैठता जिसके पास बैठा हूं बस यही बातें करता हूं किसी कारण अगर आपके पास समझाने वाला नहीं है मुझे नहीं लगता कि आपका जीवन आसान होगा सबसे बड़ा जीवन में शिक्षक होती है मां अगर माही ना हो तो बच्चे की जिंदगी तो बिगड़ ही जाएगी इसीलिए कहते हैं अपने काम से ज्यादा अपने बच्चों के विचार पर ध्यान दो क्योंकि बच्चे आपके हैं अगर बिगड़ेगी तो बदनामी आपकी होगी बच्चों का तो क्या वह बच्चे हैं समय के साथ-साथ बदले तो बदले में तो बच्चे ही रहेंगे इसी तरह कहते हैं कि जो काम करें अच्छे के लिए करें कि हम जो कर रहे हैं वह बेहतर है यह सोचकर करें कि हम करने जा रहे हैं वह बेहतर हो कि आपको या हमें लगता है कि हम जो कर रहे हैं वह बहुत सही है हम अपने बच्चों को यह सिखा रहे हो सही है लेकिन अपने बच्चों को सिखाते करने जा रहे हो या बहुत गलत है इसी तरह में जब उस बच्चे को देखता हूं सोता है कि अभी 15 साल का है और आगे चलकर क्या होगा इसके अंदर अभी ऐसी फीलिंग है तो आगे चलकर कोई बहुत ही गलत काम करने की उम्मीद पैदा हो हम एक ऐसी जगह पर रहते हैं जहां हर और यह सब होता रहता है यह आम सी बात है और कोई चार दीवारों के अंदर करता है तो कोई बाहर करता है खाना किए जो कार में आते हैं पता नहीं क्यों यह लोग कारों में लेकर कर घूमते हैं और एक दूसरे के साथ यह सब करते रहते हैं जो जो सामने वाला देख कर के अपना आपा खो देता है इसी तरह इस बच्चे का जीवन तो बर्बादी की ओर बढ़ रहा है लेकिन मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश करता हूं कि उसके अंदर ऐसे ख्याल ना पैदा हूं और मैं उसको समझाने की कोशिश करता हूं लेकिन जिसके दिल और दिमाग में बस एक ही बात बैठ जाए तो उसको निकलने में बहुत टाइम लगता है अगर परिवार में मां है और अपने बच्चों को सही तबीयत दे रही है तो उसके बच्चे किसी गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे हालांकि जिनके पास में नहीं है उनसे पूछे लेकिन क्या करेंगे तो कुदरत का खेल है किसी के पास में किसी के हाथ नहीं हम ऊपर वाले से दुआ करते हैं कि ऐसे लोगों को हिदायत दे खुदा हाफिज फिर मिलेंगे किसी अगली कहानी में आप लोगों से मुस्तकीम रईस अहमद

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