Poonam Mishra 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत जिंदगी को जीने के बहाने मिले हैं कल शाम उनके फसाने मिले हैं 37177 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी को भी कोई वजह मिल गई है न जाने वक़्त ने यह कैसे जीने के बहाने दिए हैं कभी जिनके गलियों से गुजरने के बहाने ढूंढते थे वही आज मेरी गली से गुजरने लगे हैं कभी जिनकी आंखों से दुनिया देखना चाहते थे आज हम उनकी आंखों में सजने लगे हैं कभी जिनके खातिर हम दुनिया से लड़ गए थे वही आज हमको अपनी दुनिया समझने लगे हैं जिंदगी को भी कोई वजह मिल गई है जीने के भी कई बहाने मिलने लगे हैं स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा