मारूफ आलम 30 Mar 2023 ग़ज़ल दुःखद #khabon#gajal#maroof 40275 0 Hindi :: हिंदी
तेरे खावों ख्यालों की दुनियाँ हूँ मैं शाम है तू,उजालों की दुनियाँ हूँ मैं जबाब मयस्सर हों तो आना कभी अनगिनत सवालों की दुनियाँ हूँ मैं मेरी महफ़िल मे सच हार जाता है झूठों की,दलालों की दुनियाँ हूँ मैं मेरा अतीत खून खराबों से भरा है झंझट की,बबालों की दुनियाँ हूँ मैं परिंदों से कहो होशो हवास मे उड़ें शिकारी हूँ,जालों की दुनियाँ हूँ मैं मारूफ आलम