Vipin Bansal 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत #निजात 66323 0 Hindi :: हिंदी
तक़लीफ़ ए ज़िंदगी से, निजात लेने आया हूँ ! नासूर ज़ख्मों पे, मरहम लगाने आया हूँ !! मोहब्बतें तुम्हारी, धड़कने बन गई हैं ! मरहूम ए दिल को, धड़काने लाया हूँ !! तक़लीफ़ ए ज़िंदगी से, निजात लेने आया हूँ ! नासूर ज़ख्मों पे, मरहम लगाने आया हूँ !! शायर नहीं हूँ, न ही कवि हूँ ! न इल्म है, न लिखने का सलीका !! गजलें पैमाने में, दर्द भरके लाया हूँ ! गजलें नस्ल कुछ, जुदा लेके आया हूँ !! तक़लीफ़ ए ज़िंदगी से, निजात लेने आया हूँ ! नासूर ज़ख्मों पे, मरहम लगाने आया हूँ !! रोशनी दिखाकें चिरागों ने लूटा ! तीरगी का दामन, अबतक न छुटा !! मौत ए अँधियारा, मिटाने आया हूँ ! चिरागें मोहब्बत, जलाने आया हूँ !! तक़लीफ़ ए ज़िंदगी से, निजात लेने आया हूँ ! नासूर ज़ख्मों पे, मरहम लगाने आया हूँ !! उम्र हाथो से फिसल गई है ! अब की दुनिया उजड़ गई है !! बाद की दुनिया, बसाने आया हूँ ! घर को अपने, सजाने आया हूँ !! तक़लीफ़ ए ज़िंदगी से, निजात लेने आया हूँ ! नासूर ज़ख्मों पे, मरहम लगाने आया हूँ !! मुफ़लिसी से कभी बाहर न आया ! पेट की दुनिया में, था मैं समाया !! तालीम ए डिग्री भी न ले पाया ! गजलें खत में, जज़्बात लाया हूँ !! तक़लीफ़ ए ज़िंदगी से, निजात लेने आया हूँ ! नासूर ज़ख्मों पे, मरहम लगाने आया हूँ !! विपिन बंसल