Poonam Mishra 30 Mar 2023 ग़ज़ल समाजिक जिंदगी से बिछड़ कर जिंदगी जीने का सलीका ना रहा 50614 0 Hindi :: हिंदी
जो जिंदगी मुझसे बिछड़ी, मैं भी किसी की ना रही | बिछड़ के जिंदगी से जिंदगी, जीने का सलीका ना रहा| अचानक जिंदगी से निकल गया नाम उनका | सहारे तो बहुत है मेरे पर सहारा ना रहा || मिलने को तो जिंदगी में, हजारों लोगों से मिलते रहे हैं | बस जिंदगी को जिसका, इंतजार था वही न मिला |