Poonam Mishra 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत जीवन में ठहराव एक पल की आता है 96945 0 Hindi :: हिंदी
संघर्ष भरे इस जीवन पथ पर क्यों इतने हम मौन खड़े हैं कुछ पत्तों के गिरने भर से पेड़ कहां सूखेi होते हैं जीवन में यह पल भी मौसम की तरह आ जाती है इस पल के आ जाने भर से सपनों का अंत कहां होते है शाम हुई तो सोच रही हूं कल फिर से हमें कहां चलना है कुछ पल ठहर जाने भर से जीवन का अंत कहां होता है नदियां जाकर गिरती है सागर में पर सागर खारा कब होता है शांत भाव से खड़ा है पर्वत ,कल, कल नदियों की आवाजें गूंज रही है प्रकृति देता है संदेश कितने इन संदेशों को समझ लेने से जीवन का अर्थ समझ पाते हैं संघर्ष भरा यह पल भी मौसम की तरह आता जाता है कुछ ऋतु परिवर्तन से जीवन कहां ठहरा रहता है स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा