Poonam Mishra 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत समय के साथ परिवर्तन चाहती हूं 80738 0 Hindi :: हिंदी
मैं निकल चुकी हूं जीवन के इस पथ पर बहुत आगे तक अब मेरा पीछे मुड़ कर देखना बहुत मुश्किल है मैं टूट चुकी हूं दिल से अंदर तक अब मेरा फिर से बिखर कर जुड़ना मुश्किल है अब कुछ लोग मुझे जोड़ने का प्रयास ना करें तो अच्छा है क्योंकि मैं फिर से इन बंधनों में नहीं जीना चाहती हूं मैं फिर से किसी के दर्द का कारण बन जाऊं यह सब बातें अब कुछ बनावटी सा लगता है पहले हम कहते कुछ हैं करते कुछ हैं हमें एक दूसरे से प्यार कम नाराजगी कुछ ज्यादा है बात बात पर लोगों के ताने मुझे अब परेशान करने लगी है तुम एक बार मिल जाओ फिर कभी शिकायत ही नहीं करूंगा एक बार मिले और सौ बार शिकायत करने का सिलसिला को मैं अब खत्म करना चाहती हूं एक दूसरे से रूठने मनाने में ही यह जिंदगी गुजर गई है अब आगे की जिंदगी में खुशहाल जीना चाहती हूं स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा