Poonam Mishra 30 Mar 2023 ग़ज़ल समाजिक समय के साथ परिवर्तन 95991 2 5 Hindi :: हिंदी
कुछ कमी रह गई थी शायद मेरे प्यार में जिसका कभी मैंने इंतजार किया था मैंने हर गली मोहल्ले में अब न जाने क्यों दिल कहता है लौटा दो मेरा प्यार मुझे मैंने तो बस यूं ही प्यार किया था मत पूछो हालात मेरे अब कैसे हो गए हैं जिंदगी मुझे तुम्हारे प्यार में कहां से कहां ले गई है तेरी मोहब्बत पाने के लिए ही तो लगता है मैं जिंदा हूं और इधर उधर ढूंढ रही हूं तुम्हारे प्यार को पर अब न जाने क्यों दिल कहता है लौटा दो मेरा प्यार मुझे अब शायद इसकी जरूरत ही नहीं है नहीं कोई शिकायत है तुमसे यह तो मैंने ही वफाएं यार किया है लौटा दो मेरी मोहब्बत मुझे अब जिंदगी मेरी मुझसे रूठ गई है अब शायद इसकी जरूरत ही नहीं है न जाने कितने जख्म दिए हैं जमाने ने मुझे मेरी जिंदगी तू ही बता क्या प्यार करना कोई गुनाह है अगर है तो लौटा दे मेरा प्यार मुझे अब इसकी शायद जरूरत ही नहीं है स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा