राहुल गर्ग 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत 47887 0 Hindi :: हिंदी
संमुदर पायाब हो गये और नदियाँ उफान पर है पर अभी तक उसका नाम मेरी जबान पर है उसने अपने तरकस के सारे तीर छोड़ दिये मुझ पर पर मेरे तीर अभी भी मेरी कमान पर है कोशिशें बहुत की इक दिन भुला दूंगा उसे पर उसके लिए दुआ अभी भी मेरी अज़ान पर है अपना सारा वक़्त देकर मैने जिसकी खुशामद की पता चला कि उसकी खुशी तो मेरे समान पर है