कभी वक्त था तो वक्त ना था ,डरते थे कहने से ।
मुस्किल में होते वो , तब डरते थे उनकी मुस्किल सहने से ।।
वो रोज अदब से सुबह सर नवाते थे , क्या read more >>
आज उदासी से भरा बाग में बैठा था ,पता नहीं क्या मन में था ?
ना किसी की याद थी ,ना कोई यादों में ।
ना कोई बात थी , ना मै किसी के वादों में ।।
म read more >>
बैठा बारव्हीं सीढ़ी पर ,
भूला अपने आप को था |
ना था साथ किसी का ,
बस दर्द का साथ था |
मै बैठा था ,
जिस सीढ़ी पर |
वो इस सफर का ,
आखिरी पायदान थ read more >>