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वे मासूम बच्चें

Chanchal chauhan 30 Mar 2023 आलेख दुःखद दर्द समझें उनका सहारा दे 16301 0 Hindi :: हिंदी

वे मासूम बच्चें,
जिनके पास मां का आंचल,
पिता का साया नहीं होता,
कैसे काटते हैं वो रात- दिन,
वेसहारा होते हैं वे बच्चें,
कितनी तकलीफ़ सहते हैं वो,
कितने दर्द में रहते हैं व़ो,
ना प्यार करने को मां,
ना ख्वाइश पूरी करने को पापा,
ना हाथ से रोटी खिलाने वाली मां,
ना बाहर घुमाने वाले पापा,
ठोकरें खाते हैं वे बच्चें,
कभी खाने को तरसते हैं,
कभी कपड़ों को तरसते हैं, 
ना जाने कितनी इच्छाओं को मारते हैं, खिलौने से खेलने वालों के हाथों में काम थमा देते हैं,
कुछ बच्चें स्कूल जाने से भी वंचित रह जाते हैं,
कितना कठिन होता हैं उनका जीवन, भयानक  परिस्थितियों से गुजरना पड़ता हैं,
बे बेचारे हालात के मारे,
फिरते हैं इधर- उधर मारे- मारे,
बिन मां -बाप के बच्चों को सहारा दिजिए, 
मां -बाप बनकर उनको प्यार कीजिए,
कोई तरसे ना दुलार को उनको गले लगाइए,
बिखरे उनके जीवन को संवार दीजिए,
मानवता का धर्म निभाइए।

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