virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख देश-प्रेम Padma Award 87539 0 Hindi :: हिंदी
बाबा गुरु घासीदास के मनखे-मनखे एक समान के संदेश को ‘पंथीनृत्य’ के माध्यम से जन-जन तक पहुंचानेवाले पंथी कलाकार डा. राधेश्याम बारले को 09 नवंबर 2021 को भारत के राष्ट्रपति के द्वारा 2021 का पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। डा. बारले का जन्म छग के दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के खोला गांव में 9 अक्टूबर 1966 को हुआ। वे 12 वर्ष की उम्र से पंथीनृत्य की साधना करने लगे। उन्होंने एमबीबीएस के साथ इंदिरा कला व संगीत विश्वविद्यालय से लोक संगीत में डिप्लोमा किया। उन्होंने गांव के मित्रों के साथ सतनाम पंथी एवं सस्कृति समिति के नाम से मंडली बनाई। वे आकाशवाणी रायपुर के नियमित कलाकार हैं। साथ ही, वे देश-प्रदेश के महोत्सवों में अपनी कला का प्रदर्शन करते रहते हैं। डा. बारले अब तक करीब 1200 मंचीय प्रस्तुति दे चुके हैं। वे अपनी कला साधना से प्रदेश के 10 हजार से अधिक लोगों को पंथी की बारीकियों से अवगत करा चुके हैं। वे कलाकारों को नियमित प्रशिक्षण भी देते हैं। बारलेजी को छग सरकार द्वारा साल 2012 में बाबा गुरु घासीदास सामाजिक चेतना सम्मान, 2016 में भंवर सिंह पोर्ते सम्मान और 2008 में देवदास बंजारे सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। ---00--- अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायतः एक प्राथमिक पाठशाला’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर ‘‘पंचायतः एक प्राथमिक पाठशाला veerendra kumar dewangan से सर्च कर और पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी। --00--