DIGVIJAY NATH DUBEY 04 Jun 2023 आलेख दुःखद #RIP 5607 0 Hindi :: हिंदी
कल की घटना सुनकर मित्रों मेरा दिल अब कांप उठा है कैसे ट्रेनों के ऊपर से ट्रेनों का प्रस्थान हुआ है बिलख रहे हैं लोग वहां जो जा रहे थे अपने घर को क्या गलती थी उनकी आखिर क्यों छोड़े हैं इस संसार को लाशें ही लाशें दिखती हैं कैसा मंजर बुरा हुआ है किसी बाप की बेटी गायब किसी पुत्र का पिता हुआ है ढूंढ रहे हैं परिजन सारे कहां गए उनके प्यारे फोटो दिखलाकर के पूछे कुछ तो तुम बतलाओ सारे ये कैसा था समय का मंजर कैसी थी भगवान की मनसा क्यूं विधवा कर डाला ऐसे अनाथ करने की थी मनसा ओडिसा ट्रेन हादसा बेहद दुखद भगवान मृतकों की आत्मा हो शांति प्रदान करें !