virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख अन्य Motivational 86534 0 Hindi :: हिंदी
कामयाबी के लिए सकारात्मक सोच की प्रबलता कामयाबी के लिए आपमें सकारात्मक सोच हो, यह जरूरी ही नहीं, अपितु निहायत जरूरी है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा जरूरी है, वह इतनी प्रबल हो कि उसमें लेशमात्र भी नकारात्मक सोच की गुंजाइश न रहे। आशय यह कि आपकी सोच 100 प्रतिशत सकारात्मक ही हो, उनमें एक क्या, 0.01 प्रतिशत की भी नकारात्मकता न रहे। गर आपमें एक प्रतिशत भी नकारात्मकता है, तो उसका समाधान अध्ययन, मनन, चिंतन और उन लोगों से चर्चा और शंका समाधान से, जो उस क्षेत्र में सफल हो चुके हैं, दूर कर लेना चाहिए और अपनेआप को सफलता के विचारों से भर देना चाहिए। यही आत्मविश्वास है और यही सफलता की चाबी भी है। जिन लोगों ने यह किया है, वे कामयाबी के शिखर पर पहुंच गए हैं, और जिन लोगों ने किंतु-परंतु और नकारात्मकता का चिंतन किया है, वे वहीं-के-वहीं रह गए हैं। अब, आप अपनेआप पर विश्वास कर न केवल कह सकते हैं कि आप जरूर सफल होंगे और होकर दिखाएंगे; बल्कि इसी रीति से सफल भी हो जाएंगे। फिर चाहे परिस्थिति विषम से विषम ही क्यों न हो, आप सफल होकर रहंेगे? सफलता इन्हीं तरीकों से मिला करती है। --00-- अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायतः एक प्राथमिक पाठशाला’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर ‘‘पंचायतः एक प्राथमिक पाठशाला veerendra kumar dewangan से सर्च कर या पाकेट नावेल के हिस्टोरिकल में क्लिक कर और उसके चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी।