Trishika Srivastava 30 Mar 2023 आलेख समाजिक मदद करते रहिए 51034 0 Hindi :: हिंदी
ग़रीबों को नहीं, ग़रीबी को दूर करते रहिए। जब तलक ज़िन्दगी है, सबकी मदद करते रहिए। इनकी ज़ुबान नहीं होती, मग़र ये दिल से दुआ देते हैं; आज़ाद करिए परिंदों को, बेज़ुबानो के हमदर्द बनते रहिए। वो फूल मुर्झा जाते हैं, जिनका बागबां नहीं होता; सहारा बनिये उन अनाथों का, उन फूलों को प्यार देते रहिए। इबादत किए बिना ही, ख़ुदा तुमसे राज़ी होगा; खिदमत करिए बुज़ुर्गों की, बीमारों को शिफ़ा देते रहिए। — त्रिशिका श्रीवास्तव 'धरा' कानपुर (उ.प्र.)