सच
हमारे देश में हो क्या रहा है। मानती
हमारा देश धर्म प्ररायण देश इसका मतलब
यह नहीं है। कि धर्म के नाम पर कुछ भी
पाखण्ड किये जाये मुझे लगता हमारे देश
में धर्म सुधार आन्दोल होना चाहिये ये
जितने भी धर्म के लोग है। जो अपने - अपने
भगवान के नाम पर ये पाखण्ड दिखावा किये
जाते है उन सबके ऊपर कानूनी कारवाई होनी
चाहिये जो धर्म के नाम पर सिर्फ अपना
खजाना भरते है और बढ़ावा इन्हें वो सब
देते जो इन पर अंधश्रद्धा और अंधभक्ति
रखते है। ऐसे लोगों से पुरा देश भरा
पड़ा है। एक गरीब का तो भला इनसे होता
नहीं चले धर्म बचाने अगर इतने ही भगवान
को मानते है। तो यह बताओं हमारे देश में
इतनी गरीबी क्यों है। क्यों छोटे - छोटे
बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़कर मजदूरी क्यों
करते है।क्यों उस गरीब को भुखा सोना
पड़ता है। क्यों आये दिन किसी कि हत्या,
चौरी, बलात्कार जैसे अपराध होते है।
आखिर क्यों आखिर धर्म तो दिनों पर दया
करना सिखाते है। आखिर धर्म तो अपने हित
से पहले दुसरे का हित करना सिखाता है।
धर्म तो हमें किसी भी जीवो पर या किसी के
साथ किसी भी प्ररकार की कोई हिंसा ना हो
यह सिखाता है। पर यहाँ पर तो जानवरो
र्के साथ - साथ मानवता पर भी हिंसा हो
रहीं और सबसे बड़ी बात यह है की हम मानव
अपनी हिंसा स्वयम ही करवा रहें। है। वो
भी खुशी - खुशी अरे जानव तो बोल नहीं सकते
उन्हें कोई भी पकड़ कर धर्म के नाम पर
बली चढ़ा देते है पर हम इंसान तो अरे
भगवान ने तो हमें सोचने समझने कि शक्ति
दी है।
बोलने के लिये जबान दि है। हम तो बोल
सकते है ना धर्म के नाम पर फैल रहें
आडम्बर , पाखण्ड को पर नहीं कोई भी आता
कृष्ण के नाम पर पैसे लेता है।, कोई राम
के नाम अपना खजाना भरता है।, कोई हनुमान
जी के नाम पर अपना घर खर्च चलाता है। अरे
हमारे देश में बेरोजगारी फैल रहीं है।
इसका नतिजा है।
कि लोग भगवान के नाम पर व्यापार करते
है। सबको आसान रास्ता पसन्द है। कोई
पढ़ना लिखना चाहता नहीं सबको का आसान
काम पसन्द है। वो है भगवान के नाम पर
व्यापार हरे अपने आपको इतने ही भगवान के
भक्त बताते है तो रोको महासंहार को रोको
जीवो पर हत्या करना, रोको देश कि गरीबी
क्यों गरीब भुखा सोता है।
तब कहाँ चली जाती है। उनकी भगवान गीरी
और अगर इन्होंने गलती से किसी का भला कर
भी दिया TV पर बड़े - बड़े फोटो और विडियो
दिखाये जाते है। देखो हम भला कर रहें
है। अरे शर्म करो भगवान के नाम पर चन्दा
लेना कमाते जोर आता है तो चल पड़े भगवान
के नाम पर पैसा लेने और में उन लोगो से
कहना चाहुगी कि द्वार पर आने वालो को
खाली हाथ जाने मत दो और ऐसे लोगों का
खजाना भरना बन्द करो एक तरह से इन्हें
भढ़ावा हमने ही दिया है।
तभी यह इतना सिर पर नाच रहें है। इन्हें
चन्दा देना बन्द कर दिजिये फिर देखो
कैसे इनका भगवान सामने आता है। और हाथ
जोड़कर विनती है। में उन लोगों से कहना
चाहती हूँ अगर आप पागल पन्ती और
डिप्रेशन का शिकार है तो प्लीज डॉक्टर
को दिखाये ना कि इन सस्ते बाबाओ के पास
बन्द करे यह समाज में अन्धविश्वास
फैलाना भगवान का तो पता नही आप अपना
बुरा खुद ही करवा रहें हैं।
ऐसे बाबाओं के चकर में आकर और इसमें
भगवान को दोष मत देना बस इनको एक बार
चन्दा देना बन्द कर दो इनकी भगवान के
नाम पर चलने वाली दुकाने सारी बन्द हो
जायेगी है क्योंकि हम इन्हें पैसे देते
इस लिये तो यह सब अन्धविश्वास, आडम्बर,
पाखण्ड फैलाते है। और थोड़ा ग्रन्थ
पढ़ो वो भी खुद तब पता चलेगा कि सच क्या
है।