Shubham Kumar 30 Mar 2023 आलेख धार्मिक (हम सब ने एक और जा उधार पाया है) 32924 0 Hindi :: हिंदी
एक बड़ी उर्जा से, हम सब ने अपनी छोटी सी उर्जा को उधार पाया है, बाद में हमें उनको देना है_ पांच तत्व से बना यह शरीर_ लेकिन इनमें_ तीन तत्व और है_ जो बाहरी दुनिया से हमारे अंदर आया है, हमारी चेतना बुद्धि_ यह हमारे अंदर सदा वास करते हैं_ इन्हें कोई मिटा नहीं सकता_ यह आत्मा की अपनी आंखें होती है_ अपने दृष्टि होती है_ यह हमें सोचना होता है_ कि हम किस प्रकार के नीति को_ अपनाते हैं या किस प्रकार के बुद्धि को विकसित करते हैं, यह हमें सोचना है_ कि हम कितने दूर_ देख सकते हैं_ या फिर हम अंधे हो सकते हैं _ मनुष्य खुद अपना भ्रम पैदा करता है _ दूसरा मन है_ यह मन आकाश तत्व से_ बना तो है लेकिन इनमें_ एक विचारधारा एक भावना, जो पैदा होती है , या उसका लिंक_ जो है उस ऊर्जावान_ शक्ति से कनेक्ट होना है_ और तीसरा_ हमारी आत्मा है_ पांच तत्व का इतना साहस नहीं , कि वह किसी शरीर को_ चलामान बना सके , उसमें कोई क्रिया, डाल सके लेकिन इस उर्जा के आदेश पर_ यह पंचतत्व चलता है_ अंधकार से हमारे अंदर अहंकार बना है , और यह हमारे तीसरा तत्व है_ जब प्रकाश होता है_ तब उसका उल्टा _परिणाम अंधकार है_ अंधकार भी एक सत्य है सत्य को कोई मिटा नहीं सकता, अगर हमारी आत्मा, ऊर्जावान है प्रकाशमान है, तो इसके विपरीत अंधकारमय भी तो है, उस परमात्मा ने उस वह ऊर्जा जो हमसे बड़ा है उसने अंधकार पर विजय प्राप्त_ कर लिया है_ प्रकाश को हम_ पास रहने पर_ कभी भी वह नहीं देखते_ बल्कि उसके सामने कोई भी वस्तु, दिखाई पड़ते हैं, अंधकार में मनुष्य सिर्फ, अंधकार को देखता है_
Mujhe likhna Achcha lagta hai, Har Sahitya live per Ham Kuchh Rachna, prakashit kar rahe hain, pah...