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तू आसमां से गिर ज़मीं पर, या गिर ज़मीं से कुएं में, पर क्यू गिरता है नजरो से, तिरी इज्जत उड़ेगी घूंए में। तिरी बात का मुर्दा गढ़ जाएं, read more >>
"हार गई मैं" जीवन की इस दौड़ मैं दुनिया की इस रीत मैं सबसे पीछे रहे गई मैं क्या करू हार गई मैं खुद की उलझनों मैं ज्ञान से भरे संसार मैं read more >>
आना-जाना रहना नहीं सख़ी रे, गांव बेगाना-ए-बेजार सख़ी रे, जग झूठा नाता नहीं कोई अपना सैंया बसे सांस-ए-सांस सख़ी रे।। -मोती read more >>
धन वैभव में चैन कहां बिके नहीं ये हाट बंधु जग जंगम फिरा है नहीं सख़ी जो दिल खोजा शांति यहीं।। -मोती read more >>
तेरा ही गीत गुनगुना रहा, मेरा-ए-दिल में तू चमक रहा, नाज़-ए-मुझे मेरा मैं में तू छुपा हुआ है एहसास में मैं महक रहा।। -मोती read more >>
क्या कहूं- यह चाल राजा रंक चलें, जगत में- यह चाल राजा रंक चलें, चले-चाल धन यौवन राजा रंक चलें क्या कहूं- यह चाल राजा रंक चलें।। -मोती read more >>
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