Saurabh Sonkar 03 Sep 2023 शायरी राजनितिक वज़ू कर लो शायद लगे हों हाथों में ही खून के छींटे,, ये सत्ता जालिम है अपनी बरबादियों में मुस्कुराना सीख भी लो अब !! 5324 0 Hindi :: हिंदी
वज़ू कर लो शायद लगे हों हाथों में ही खून के छींटे,, ये सत्ता जालिम है अपनी बरबादियों में मुस्कुराना सीख भी लो अब !! - सौरभ सोनकर