Suman Chauhan 24 Jul 2023 शायरी धार्मिक सत्य वचन मनुष्यों के लिए हैं 8570 0 Hindi :: हिंदी
तपस्या अगर पार्वती की थी । तो प्रतीक्षा शिव की भी रहीं होगी। आंख में आशु सीता के थे । तो तड़प राम की भी रहीं होगी । राधाकृष्ण को न पा सकी है। तो अधूरे कृष्णा भी रहे होगे। जीवन जब ईश्वर के लिए सरल ना था। तो हम मनुष्यों की औकात ही क्या है।