Manisha 30 Mar 2023 शायरी समाजिक रिश्ते, नाते घर, परिवार 18156 0 Hindi :: हिंदी
अपने कभी छूट ना जाए ये डर तो हमेशा लगा रहता है पर जो सच है वो कभी-कभी झूठा सा लगता है ये कैसी दुनिया है जो कभी समझ में नहीं आती अपने अपने से नहीं लगते और पराए कभी कभी अपने लगने लग जाते हैं
Mujhe kavitayein likhna bahut acha lagta hai or padhna bhi bahut acha lagta hai...