चल चल चल मेरा नाम लिया...
चल चल चल, चल चल चल
मेरा नाम लिया,, उसने याद किया,,
हिचकी.... हिचकी,,यादो में उसके
आज भी लगती हैं हिचकी.....
बरसो बित गये, read more >>
मैदान ए शायरी का एक प्यादा हूँ मैं,
. इस महदूद सल्तनत का वजीर नहीं हूँ
ग़ज़ल के नाम पे बस हाल ए दिल बयां करूँ,
. मैं बद्र , गालिब , या मीर नहीं ह read more >>
वर्क फ्रॉम होम अब बहुत संभव है, खासकर जब तक कि काम विशेषता से आपके ऑफिस में ही आवश्यक न हो। वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से काम करने से कई लोग read more >>