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वह दारूण दर्शय देख- देख कर आंखे नम हो रही है, मेरे दिल में उनके लिए दया की लहरें उमड रही है, कल तक थे जो आजाद परिंदे वो आज गुलामी में जकड रह read more >>
ममता की तू अजब दुलारी प्यार में तू न्यारी है, इस दुनिया में माँ तू मुझको सबसे ज्यादा प्यारी है, तेरी प्यारी छाँव में मुझे दुख-दर्द कुछ न read more >>
रिश्ते ऐसे भी मिलते हैं जग में यहां कुछ बनते हैं और कुछ बिगड़ते यहां सांस की डोर है आ रही जा रही है यह किसी के भी रोके तो रुकती नहीं कि read more >>
ममता की तू अजब दुलारी प्यार में तू न्यारी है, इस दुनिया में माँ तू मुझको सबसे ज्यादा प्यारी है, तेरी प्यारी छाँव में मुझे दुख-दर्द कुछ न read more >>
वह दारूण दर्शय देख- देख कर आंखे नम हो रही है, मेरे दिल में उनके लिए दया की लहरें उमड रही है, कल तक थे जो आजाद परिंदे वो आज गुलामी में जकड रह read more >>
भटक रही थी बूढ़ी महिला तम तमाती धूप में | अधमरी सी झुकी खड़ी थी, कंकाल के रूप में || उपल ,कण्डा उठा उठा कर , भर रही थी टोकरी. | चाह जीने की प् read more >>
भटक रही थी बूढ़ी महिला तम तमाती धूप में | अधमरी सी झुकी खड़ी थी, कंकाल के रूप में || उपल ,कण्डा उठा उठा कर , भर रही थी टोकरी. | चाह जीने की प् read more >>
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