महेश्वर उनियाल उत्तराखंडी 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 79606 0 Hindi :: हिंदी
"सरसराती जुल्फें" जब तक ना होगा मेरे हाथों में हाथ तेरा तब तक ना छूटेगा गमों से साथ मेरा ll मैं दीवाना तेरे इश्क में हूं इस कदर जैसे बिना आशियाने के भटकता है कोई दरबदर ll तू एक कली, मैं तेरे इश्क में डूबा एक भंवरा पागल हूं तू सावन की घटा मैं बिन बरसात एक बादल हूं ll सरसराती तेरी जुल्फें फड़फड़ाते तेरे नैना चेहरे का जो नूर है इसमें कर दे आंचल को ही गहना ll चांद तारे तोड़ने का वादा भी कम पड़ जाए बस अब तो एक ख्वाब है मेरा कि तू मेरी जिंदगी में चली आए ll महेश्वर उनियाल उत्तराखंडी