Jitendra Saini 24 Apr 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #हिन्दी #काव्य #गजल #माघमिज #रात #रातअज #प्रेम #प्यारीसन #कथा #कथावाचक #काव्यजन #गीत #पोयम 14040 0 Hindi :: हिंदी
रात आती है बथ कर जाते सम भट थक गया हूँ पर आराम देबे को आ जात है बठ , रात नवठ आती है समझ वठ वो नही भी आ जात खैर थोडा भिग जाओ बोल भती है , रात आती है सन जाएगी बगर वहीं रुक जाती है पैभ फब सिर में पर एज बैठती है , रात आती है अपनी परछाँई कागज पर फर डालती है दिमाग में बोलती है कागज पजव दिखती है , रात आती है दिल को साफ दिखती है हाथ से करवाने को बोलती है काम अज , रात मत जाती है मेरी जगह लिखो नोठ धीरे से कहती है बनजा वाते ही वह जोर से हँस जाती है , रात आती है बैठकर दिमाग में नियंत्रित करती है पंखुड़ी वह रुक गया नया विचार सा दे जाती है , रात आती है मगर बस ऐसे ही मदद सी कर जाती है बगर बगर शायर वग रहने भी दग कल बतना बोलती जाती है , रात आती है सन थोडा सा रुला बठ हँसा सा जाती है वज वन , नोठ मठ दिल सा पिघला जाती है , रात आती है सोने से पहले हँसाकर जरुर जाती है व जर सन छिपा लूँ उसे सीने में सन , मन कर जाती है , कविता बन जाती है सदर यदर सुबह तक यादों में यूँ ही बन जाती है व दर कम जदर अब एक रोशनी की किरण आ जाती है , रात बीतती ही जाती है व दर फ दर नाझ ययतनाम भज्य