Chetna 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम 103911 0 Hindi :: हिंदी
एक मां से बेटे ने जो ख़ून की बूंदे पायी हैं उसने हंसकर भारत मां पे ही लुटाई हैं। सरहद पर वो बेटा हर हाल में तैनात है ऐसी निष्ठा उसने अपनी मां से ही तो पाई है बचपन में बचाया हर चोट से जिस मां ने उसने ही मेरी जवानी देश को लौटाई है। चूमकर माथा हर इम्तहान में भेजा मुझको आज फौजी हूं मेरी मां की मेहनत ही रंग लाई हैं। जयहिंद,वन्देमातरम।