Kranti Raj 23 Dec 2023 कविताएँ समाजिक 22823 0 Hindi :: हिंदी
आपस में न लड बंदे क्या है तेरे मेरे पास मन मोटाव से काम न चलता घमंड का मुखौटा का न बना साथ आपस में न फुट हो हम सब फुट से होती नुकसान जो तु करने चला है वो हो जायेगी बिध्धवंश घमंड किसी को न रहा देख लो कौरव कंस हम तुम किसी मिट्टी की बनी हो जो बन जाओगे परमहंस एक लक्ष्य है हम सब का तो एक निशाने डाल आपस की टकरार से तिसरा करेगा राज हर कोई मन में सोच बंदे तब उठाओ हाथ एक मसाले ले लो हम सब तब करोगे राज भुखे को कोई अन्न नही देता न प्यासे को पानी लड कर जो अधिकार लिया बन गये अमर कहानी कवि-क्रान्तिराज बिहारी दिनांक-23-12-23