Bholenath sharma 16 Jan 2024 कविताएँ समाजिक कि ये पूर्वजो का धरोधर जो हमे देकर , बता , समझा कर गये है 4301 0 Hindi :: हिंदी
दे गये हमे अनेक धरोहर प्रकृति का ये दृश मनोहर उसके रक्षक सारे जन , है सबकी यह दित्य धरोहर ये बहुमूल्य जीवो की वस्तु है प्रकृति का प्राण प्यारा अर्क का ओज जीवन का सहारा स्वच्छ रखे जन दीप्ति हो उठे बन बाग हमारा व्युत्पति करे मनु सुत अपने कांतार की विदित है फिर भी उनको समझाओं परिभाषा कांतार की हानि है या लाभ कैसे इन्हे बताओ तुम अनके लाभ है इससे अध्ययन करवाओं तुम ।