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अति सुन्दर तुम

Ajeet 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद अति सुन्दर तुम 16468 0 Hindi :: हिंदी

अति सुन्दर तुम
फिर कुछ कह पाते/

न मुरझाते कभी
न सरमाते कभी,

अति सुन्दर तुम
फिर कुछ कह पाते/

न खिलकर टूट पाते
न गिरकर रूठ पाते,

अति सुन्दर तुम
फिर कुछ कह पाते/

न सूखकर रोते
न टूटकर रोते,

अति सुन्दर तुम
फिर कुछ कह पाते/

न आंधियों से डरते
न हानियों से मरते,

अति सुन्दर तुम
फिर कुछ कह पाते/

न रीति बदलती
न रिवाज बदलते,

अति सुन्दर तुम 'कनेर के फूल'
फिर कुछ कह पाते/
लेखक- अजीत

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