Jahnavi maurya 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 29702 0 Hindi :: हिंदी
मैं एक प्यारा सा फूल बनना पसंद करूंगी, जिसकी सुगंध से चहरे पर मुस्कान आ जाए। मैं एक ऐसा चमकता तारा बनना पसंद करूंगी, जिससे किसी को प्रेरणा मिल जाए। मैं एक ऐसा ताज महल बनना पसंद करूंगी, जिसकी दास्तान सदियों तक याद रखी जाए। मैं एक ऐसा आईना बनना पसंद करूंगी, जिससे लोगो को उनकी सच्चाई दिख जाए। मैं एक ऐसा परिंदा बनना पसंद करूंगी, जो इस जहान मे आजादी से उड़ती जाए। मैं नदी की ऐसी शांत धारा बनना पसंद करूंगी, जो इस जहान मे अपने मार्ग पर शांती से आगे बढ़ती जाए। मैं एक ऐसी सोच बनना पसंद करूंगी, जिससे लोगो की सोच बदल जाए।