Ajeet 30 Mar 2023 कहानियाँ अन्य गर्मियों के मोसम वाली कवितायें 53722 0 Hindi :: हिंदी
काले मेघा पानी बरसाये गरजते गरजते काले बादल आये/ छम - छम बारिश की बूंदों को बरसाये धम - धम ओलों को बरसाये, काले मेघा पानी बरसाये/ गाँव के आँगन को पानी से नहलाया आँगन के फूलों को बूंदों से चमकाया अंधेरी रातों ने बूंदों का सोर मचाया ऐसी ठंडी बूंदे मेरे मन को भाये, काले मेघा पानी बरसाये/ धूल उठे फिर आँगन में सोर उठे फिर कानन में गाँव की गलियों में बूंदों की रंग रलियों में बच्चे नहाने तो आये, काले मेघा पानी बरसाये/ अजीत,