Ambuj Pandey(Aru) 30 Mar 2023 गीत धार्मिक # भजन कविता,# धार्मिक भजन,# भजन काव्य 86846 0 Hindi :: हिंदी
हे नाथ तेरी छाया, तेरा तन ये तेरी काया तेरा तुझको सारा अर्पण ,तुझमे जा समाया। इस जिंदगी के रंग तो हर पल रहे बदलते आँखों मे ले के माया हम तो रहे भटकते। हे स्वामी तेरी बारी कहता ये जीव हारा वो रिश्ते सारे झूठे अब तेरा ही सहारा। लालच भरी निगाहें धन दूसरों का पाया महलों की झूठी शोभा सब छोड़कर हूं आया। हे नाथ अब तो तारो उस संसार मे थीं माया दिन चार जी के जीवन तेरे द्वार पे हूं आया। Ambuj Pandey(aru)