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जीवन सरस-समझो कुतरत का ये ईशारा रोको ना खुद को बहने दो

Raj Ashok 01 Feb 2024 गीत धार्मिक जीवन सरह 11258 0 Hindi :: हिंदी

समझो, कुतरत का ये ईशारा,
रोको ,ना खुद को, बहने दो ,
है । ये प्रेम की घारा 
जो सामने आया है। 
वो  मिलेगा जीवन मे  दोबारा
ये जीवन सरस,, .......अमृत  है ।
ये जीवन सरस......   है एक  मुघु शाला।
यहाँ रहता है। 
गोविंद गोपाला........ 
आप ओर हम जैसे 
लोखों है जिसके सेवक
जपते हर दिन कर कठी माला 
हर पल नाम रहे सबकी  जुबाँ पर
वो मुरलीवाला
ये जीवन....
ये जीवन......
खोजती, आँखे ढुढती आँखे ,
प्रीतम दामन मिले सोचती बातें 
हर घडी़ घ्यानमगन हो जाती साँसे
चीर के देखलों हर्दय हमारा 
बैठा होगा, श्रृष्टी रचयिता
ये जीवन...

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