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जब साथ तुम्हारे रहता हूँ

अशोक दीप 22 Apr 2023 गीत प्यार-महोब्बत Jab sath tumhare rahta hun, Kaise kah dun pyar nhi, love poetry, love song, love sayari, prem geet, poetry for gif, poetry bf 8693 1 5 Hindi :: हिंदी

जब साथ तुम्हारे रहता हूँ

पीड़ामय संसार भुलाकर
आँसू वाला भार गिराकर 
धीरे-धीरे प्रीत-धरा पर
आजाद पवन-सा बहता हूँ ।
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ ।

दर्द न जाने किस घर जाकर
चादर अपनी बुनने लगते
छोड़ सुमन मेरी बगिया के
शोक कहीं जा चुनने लगते

खिलता है इक मधुबन मन में
हँसता है इक बचपन तन में
पुलकित होकर किसी भ्रमर-सा
मकरंद मधुर मैं गहता हूँ ।
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ ।

नैन क्षितिज पर जाने कितने
इंद्रधनुष लगते मुस्काने
नीरव होंठों की बस्ती में
गीत- पपीहे लगते गाने

मोहित होकर वर्तुल लट पर
बैठ नदी के बालू तट पर
चुपके-चुपके अंतर्मन से
हाँ एक कहानी कहता हूँ ।
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ ।

करती हैं बेचैन उमंगें
अनुभव ऐसे पल वरदानी
जन्म-जन्म के प्यासे लब पर
लिखदे जैसे बादल पानी

उर उपजी मृदु मनुहारों से
अपनेपन की बौछारों से
कभी नहीं मृत होने वाला
आनंद अमर मैं लहता हूँ ।
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ ।

अशोक दीप
जयपुर
8278697171

Comments & Reviews

Sudha Chaudhary
Sudha Chaudhary बहुत सुंदर

10 months ago

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