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बरसों से

Raj Ashok 09 May 2024 गीत धार्मिक आस 3141 0 Hindi :: हिंदी

हजारों लाखों की भीड़ में ,
हूं मै शामिल........२२२३
क्या मुझे पहचाने  गी ।।
बैटा हूं में तेरा मां पर ये केसै जानेगी ।।
जय माता दी .......२३३३३
चोट ये मेरे दिल की तुझे पुकार ती
बरसों से है आस मां
एक दिन 
मेरी किस्मत तु संवार ती 
पर हुआ कुछ नहीं.....
जय........
खेल ये चल रहा है बरसों से 
तुने किया है  क्या मां 
कदम -कदम पे ढोकर मार दी
जय........
आखिर,सांसें कहे अब उजड़ा शहर है ।
देख तेरी ओर देखे
अपनी  तो नजर है ।
मां अपनी शक्ति से अम्मार 
जागे नशीब तो थोड़ा प्यार लुटा दें ।
जय......
मां

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