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अनजान राही

ASHWANI PANDEY ( ADVOCATE ) 30 Mar 2023 गीत समाजिक अनजान राही 24296 0 Hindi :: हिंदी

चल रहा हु रास्ते से अनजान हूँ,
लिख रहा हु हर लफ्ज से अनजान हूँ,
कुछ बात होगी मेरे जीने मे
जी रहा हूँ पर दर्द से अनजान हूँ,


एक मोड़ आया जिंदगी मे सोचा एक सीधी सड़क मिल जायेगी,
मगर मालूम न था खुशियों की आड मे आँखो को नमी मिल जायेगी,
सोचता हूँ लोट जाउ वही जहा से  शुरुआत की थी,

मगर 
मंजिल कितने पास है इसी से अनजान हूँ,

अंत से अनजान हु पर लिखे जा रहा हूँ,
खुली आंखो से सपने बुने जा रहा हूँ,
उलझ रही है मेरी मंजिल इन अनजान राहो मे,
मगर किस मंजिल तक जाना है इसी से अनजान हूँ, 

सोचा कभी पुछु मेरे अपनो से ,
मगर डर जाता हूँ उनकी आँखो मे उम्मीद देखकर,
सोचा कह दु उनको की कुछ नही मुझमे जो उम्मीद रखते हो,
मगर सहम जाता हूँ उनके जीवन मे मेरा मुकाम देखकर,
हर पल लड़ रहा हूँ खुद से मगर  जीत ओर हार से अनजान हूँ।

चल रहा हु रास्ते से अनजान हूँ!

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