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Tulasi Seth

Tulasi Seth

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@ tulasi-seth-77
, Odisha

I am a housewife and I love to read and write

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My Articles

मिलन धरती से अम्बर का कहीं मिलकर भी अधुरा रह गया दीपक जल के सबको रौशनी देते हुए भी खुद अंधेरे में रह गया। read more >>
जलती रेत की साहारा(मरूभूमि) में पानी की इक बुंद अमृत बनगई बरस के मन में वसंत का इन्तजार या तो कोई कविता या काहानी बन गई। read more >>
रिश्ता इन्सान की जरुरत है दिल पे इसकी हूकुमत है तेरे प्यार की वज़ह से जींदा हैं हम नहीं तो खुदा को कबसे हमारी जरुरत है। read more >>
वीते हुए पल कभी वापस नहीं आ सकते सुखे हुए फूल फिर से खिल नहीं सकते कभी कभी ऐसा लगता है कि आप हमें भूल गए हो लेकिन दिल की किसी कोने से एक आ read more >>
मौजुदगी जरुरी नहीं जरुरी एहसास है हम कहीं दूर नहीं तेरे आसपास हैं। जरा देखो तो मन की आंखों से हमें हम हर कदम पर तुम्हारे साथ हैं। read more >>
जिंदगी दर्द की चुभन से लादी है मगर तेरी यादों का पेहेरा दबा बनगई हम चलती सफर में तन्हां थे मगर तेरे ख्यालों का साया हमनबा बन गई। read more >>
गमे जिंदगी डुबी आंसू में तो तेरा ख्याल भी आंसू बनें तुम ने तो ढाए हैं इतने सितम कि हम सनम होते हुए भी वेबफा बने। read more >>
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