yashoda 24 Jul 2023 आलेख समाजिक अस्तित्व,मानो तो मैं गंगा मां हूं ना मानो तो बहता पानी।किसी के मानने या ना मानने से किसी का अस्तित्व समाप्त नही हो जाता।किसी को माननेके लिये जानना जरूरी होता है,पर जानना सबके बस की बात नही है।बहुत से नास्तिक लोग परमात्मा की सत्ता मे विश्वास नही रखते,जिस चीज को आपने नही देखा,इसका मतलब ये नही होता की वह है ही नही।जैसे आपने अपने पर दादा को नही देखा,तो ऐसा तो नही है कि वो नही थे,ऐसे कुछ चीजें महसूस की जाती है,बिना देखे,और वो होती है पर हमे दिखाई नही देती। जिसका जो अस्तित्व है हमेशा रहेगा कोई माने या ना माने । यशोदा 8303 0 Hindi :: हिंदी
अस्तित्व,मानो तो मैं गंगा मां हूं ना मानो तो बहता पानी।किसी के मानने या ना मानने से किसी का अस्तित्व समाप्त नही हो जाता।किसी को माननेके लिये जानना जरूरी होता है,पर जानना सबके बस की बात नही है।बहुत से नास्तिक लोग परमात्मा की सत्ता मे विश्वास नही रखते,जिस चीज को आपने नही देखा,इसका मतलब ये नही होता की वह है ही नही।जैसे आपने अपने पर दादा को नही देखा,तो ऐसा तो नही है कि वो नही थे,ऐसे कुछ चीजें महसूस की जाती है,बिना देखे,और वो होती है पर हमे दिखाई नही देती। जिसका जो अस्तित्व है हमेशा रहेगा कोई माने या ना माने । यशोदा