ज़मीन पर यह चलते हैं !
आसमानी बातें करते हैं !!
अल्फाज़ो में रखते दम हैं !
बेशक नंग हैं !!
देश की शान हैं !
चाहे कितने ही बदनाम हैं !!
खुद्दा read more >>
मन तो मन है, कैसे इसे टोकूं मैं ?
रो रहा है हर समां,
प्रिय कैसे आंसू रोकूं मैं ?
आना था,
मुन्ने के नामकरण जश्न में।
पहले ही आ गए,
लिपट तिरंग read more >>
कुछ दिन पहले कि बात है में अपनी छत की बालकनी पर बैठा था और पास से बच्चो को देख रहा था की वो कैसे हमारे बचपन की तरह खेल रहे तभी अचानक एक अलग read more >>