Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें
माँ एक बेशकिमती तोहफा है, और बेशमिती तोहफा आम तौर से नहीं, बड़ी ध्यान से रखा जाता है, इसी तरह माँ कि इज़्जत आम तौर से नहीं, बेइन्तेहा अजी read more >>
न जाने कैसे नज़रो ही नज़रो में बहुत कुछ कह जाती हो तुम, और एक हम है जिन्हें अल्फाज़ों में भी समझाना नहीं आता। read more >>
छोड़ दिया मुझको आज मेरे अज़ीजों ने, दलिल यह दि कि में सच बहुत बोलता हूँ। read more >>
कुछ आदते बुरी भी है मुझमें, लेकिन तुझे याद रखने की एक बुरी आदत, अच्छी हे मुझमें। read more >>
चाहा तो लम्बा साथ था, लेकिन दो कदम भी साथ न चले। read more >>
मेरे पास ज़्यादा दोस्त नहीं, इसकि वजह यह भी है, कि मे सच्ची दोस्ती रखता हूँ, और सच्ची दोस्ती, आज के दौर में ज़्यादा टिकती नहीं। read more >>
वो निगाहों से ही इकरार करती थी, इकरार जब़ा पर कभी आया ही नहीं। read more >>
मोहब्बत हो तो ऐसी, के वो पास न हो, फिर भी यह एहसास न हो, के वो पास हे नहीं। read more >>
ऐ मोहब्बत ज़ख्म देना बंद कर मुझे, मेरी शायरी में दर्द झलकने लगा है। read more >>
कितनी आसानी से दिल तोड़ के कह दिया, गलती हो गई माफ कर दो, हमे तो एक ज़माना लगेगा, इस गलती को भुल जाने में। read more >>
आज जहां-जहां में जाता हूँ, वहां-वहां लोग नराज हो जाते है, क्यूंकि झुट को सच बोलने का हुनर नहीं मुझ में, और सच को न बोलने का ऐब नहीं मुझ में read more >>
कई- कई का, है बेशर्मी में सार। कर बेहयाई, समझे चतुराई, बनते डेढ़ होशियार। उसकी तो है उतरी हुई, औरों की झट ले उतार। एक नकटा, सौ पर भारी read more >>
Join Us: