Suraj pandit 27 Jun 2023 कविताएँ धार्मिक Mahadev 9055 0 Hindi :: हिंदी
तू हैं जहीगपिता जिसके अधीन हैं यह दुनिया, अधीन हैं जिसके हम। यह कल भी उसी के हाथ में, हैं उसी के हम। जिसके बिना यह संसार मात्र कल्पना सी हैं। हैं, जिसके बिन हम अधूरे। जिसने प्यूष त्याग, हलहालल का पान किया। जिसने एक इच्छा पे सब त्याग दिया। अनेको हैं नाम उनके, अनेको हैं रूप। एक तू ही हैं सहारा, तू ही मेरा घुप। तेरे बिना ना हैं कोई रूप, ना हैं कोई माया। तू ही हैं जगपिता,तू ही हों काया। तू ही हैं धरती , तू ही हों अम्बर। एक हम तेरे भक्त, तू ही शम्भू निराला। इस सावन के शुभ दिन में, तेरे उपस्थिति कों महसूस कर रहा हूँ। एक तेरे ही नाम लिए हर काम कर रहा हूँ। 🙏 हर हर महादेव 🙏 ---------- सूरज पंडित.