Sudha Chaudhary 01 Jan 2024 कविताएँ अन्य 22593 0 Hindi :: हिंदी
नव जीवन का नव प्रभात नये हौसलों के साथ नये वर्ष का नूतन दिन मंगलमय हो सबके साथ। इक युग बीता हर पल रीता नये रुप के नये गगन में हो जाए हम साथ। बीत रही है विकल रागिनी कर लो नव निर्माण नफरत की लंका ढ़ह जाये प्रेम का हो निर्वाण। नई उमंगे नई तरंगे नई आश विश्वास हो नए साल में फिर से नव जीवन की आश हो। न कोई भूखा नंगा हो मिले सबको खुशियों की सौगात नव जीवन का नव प्रभात नये हौसलों के साथ। सुधा चौधरी बस्ती उत्तर प्रदेश