Anshika Agrawal 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पक्षियों पर कविता , चिड़िया पर कविता, हिंदी कविता, poem on birds, poem on sparrow, कविता, पक्षी पर सुंदर कविता, इंसान और जानवर 39279 0 Hindi :: हिंदी
ऐ नादान दोस्त ! क्यों देख मुझे दूर उड़ जाती है , क्यों बचपन की इस दोस्त को यूं भूले जाती है। क्यों रूठ गई है यूं मुझसे तू , चल माना भूल मेरी थी , भूल गई दोस्त तू मेरी पहली थी। पड़ कर मानव घमंड में, भूल गई दोस्त तू मेरी सच्ची थी । सुख दुख में एक समान चहचहाना, भूल गई मैं सीख ये तेरी थी। कनक के भांति अनाज के दाने , भूल गई मैं संग तेरे खाने। ऐ नादान दोस्त! ले आ गई लेकर अनाज के दाने चार, आ खाऊं आज फिर संग तेरे मिल-बांट। आ उड़ चलू नीले आकाश में, मन ही मन आज फिर तेरे साथ। आ तोतली बोली में तुझे आज फिर एक बार बुलाऊं ' मेरी चिय्या रानी ' ' मेरी चिय्या रानी ' - अंशिका अग्रवाल सतना