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वो तो आए हाथ जोड़कर - हाथ खोलकर चले गए

Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 गीत राजनितिक 67950 1 5 Hindi :: हिंदी

# तेल लगा के ......

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के ..

वो तो आए हाथ जोड़कर ,
हाथ खोलकर चले गए ,

उनकी तो हो जब भी इच्छा ,
गिरगिट के रंग बदल गए ...!

ऐसे ही ये बदल गए ,
यहां सब सत्ता में आके 

हमसे ही मांगकर चले गए 
हमको ही तेल लगा के ...!

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के ...!! १

*********************
करके झूठे वादे सबसे ,
अपने ही सब डकर गए

बिना चबाए पच जाए इनको
बर्फी की तरह निगल गए ...!

 ऐसे ही ये बदल गए ,
यहां सब सत्ता में आके 

हमसे ही मांगकर चले गए ,
हमको ही तेल लगा के ...!

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के...!! २
**********************
खादी के ये मेंढक हैं ,
मौसम में ही दिखल भए

फिर तो हैं ये दुर्लभ प्राणी ,
एक दर्शन हम तरस गए ...!

ऐसे ही ये बदल गए 
यहां सब सत्ता में आके 

हमसे ही मांगकर चले गए ,
हमको ही तेल लगा के ...!

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के ...!! ३
**********************
जब भी मिला है मौका इनको ,
हर बाजी में ये सफल गए

अकल मिले ना शकल मिले ,
पर जहां देखो ये दखल गए ...!

ऐसे ही ये बदल गए ,
यहां सब सत्ता में आके 

हमसे ही मांगकर चले गए ,
हमको ही तेल लगा के ...!

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के ...!! ४
**********************
भ्रष्टाचार का मले गुलाल ,
घोटालों की होली खेलत गए

प्रजातंत्र की महफिल में हम ,
इनको ही तो झेलत गए ...!

ऐसे ही ये बदल गए ,
यहां सब सत्ता में आके 

हमसे ही मांगकर चले गए ,
हमको ही तेल लगा के ...!

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के  ...!! ५
**********************
साल पांच जो मिल गए फिर ,
अपना असली रंग दिखाते गए ,

ये खादी के बहुरूपिए हैं ,
 जनता को भरमाते गए ...!

ऐसे ही ये बदल गए ,
यहां सब सत्ता में आके 

हमसे ही मांगकर चले गए ,
हमको ही तेल लगा के ...!

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के ...!! ६
**********************
कोई मुलजिम , कोई मुजरिम ,
नेता बन सब संवर गए ,

दंगे और फसाद कराके ,
पतली गली से निकल गए ...!

ऐसे ही ये बदल गए ,
यहां सब सत्ता में आके ,

हमसे ही मांगकर चले गए ,
हमको ही तेल लगा के ...!

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के ...!! ७
**********************
कुकुरमुत्ते बन ये छूटभईए ,
गली- गली में बिखर गए ,

चिमनी जला के आओ ढूंढें ,
अच्छे नेता किधर गए ...!

ऐसे ही ये बदल गए ,
यहां सब सत्ता में आके ,

हमसे ही मांगकर चले गए ,
हमको ही तेल लगा के ...!

बंधु बोलो , तेल लगा के ,
भैया बोलो , तेल लगा के  ...!! ८
**********************

चिन्ता नेताम " मन "
नगर पंचायत डोंगरगांव
राजनांदगांव ( छत्तीसगढ़ )

Comments & Reviews

 Chinta netam " mind "
Chinta netam " mind " जबरदस्त .....

5 months ago

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