Ujjwal Kumar 12 Jun 2023 ग़ज़ल धार्मिक तू कल की चिन्ता 6475 0 Hindi :: हिंदी
तू कल की चिंता में आज क्यों घबराता है, जिस कल से इतना डरता है क्या वो कल कभी आता है, सच कहूं तो कल कभी नही आता है, हर आने वाला कल आज में ही बदल जाता है। स्वरचित रचना ✍उज्ज्वल कुमार