Prince 14 Jun 2023 ग़ज़ल समाजिक #Google #हिन्दी गजल #समाजिक #हिन्दी साहित्य #गजल 5624 0 Hindi :: हिंदी
मंदिरों में आप मनचाहे भजन गाया करें मैक़दा ये है यहाँ तहज़ीब से आया करें रात की ये रौनक़ें अपने मुक़द्दर में नहीं शाम होते ही हम अपने घर चले जाया करें साथ जब देता नहीं साया अंधेरे में कभी रौशनी में ऐसी शय से क्यों न घबराया करें बन्द रहते हों जो अक्सर आम लोगों के लिये अपने घर में ऐसे दरवाज़े न लगवाया करें ये हिदायत एक दिन आयेगी हर स्कूल में मुल्क़ की तस्वीर बच्चों को न दिखलाया करें क्यों नहीं आता है इन तूफ़ानी लहरों को शऊर कम से कम काग़ज़ की नावों से न टकराया करें । ~ Prince
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